अयोध्या के राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है, दुनिया बेसब्री से उस भव्य ढांचे के अनावरण का इंतजार कर रही है जो भारत का सबसे बड़ा मंदिर होने का वादा करता है। प्रसिद्ध सोमपुरा परिवार द्वारा निर्मित यह मंदिर आशीष सोमपुरा की 30 साल की वास्तुकला दृष्टि का प्रमाण है।
इस लेख में, आइए अयोध्या राम मंदिर के दिलचस्प विवरण देखें , 10 दिलचस्प तथ्यों को उजागर करें जो मंदिर के आध्यात्मिक महत्व, अनूठी विशेषताओं और इसके निर्माण के पीछे समृद्ध शिल्प कौशल को प्रदर्शित करते हैं।
लोहे या स्टील के उपयोग के बिना निर्मित इस मंदिर की पारंपरिक निर्माण पद्धतियां प्राचीन प्रथाओं पर आधारित हैं, जबकि पवित्र नींव में 2587 क्षेत्रों की मिट्टी शामिल है, जो एक विविध और आध्यात्मिक संबंध का प्रतीक है।
मंदिर की भव्यता न केवल उसके आकार से परिभाषित होती है, बल्कि सोमपुरा परिवार की विरासत से भी परिभाषित होती है, जो विश्व स्तर पर मंदिरों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें प्रतिष्ठित सोमनाथ मंदिर भी शामिल है।
सांस्कृतिक समृद्धि और स्थापत्य कला के प्रतीक अयोध्या राम मंदिर के बहुमुखी पहलुओं को जानने की यात्रा पर हमारे साथ जुड़ें।
निम्नलिखित इन्फोग्राफिक अयोध्या राम मंदिर के सभी 10 तथ्यों को स्पष्ट रूप से दर्शाता है:
1. सोमपुरा परिवार द्वारा स्थापत्य चमत्कार
- राम मंदिर का डिज़ाइन प्रतिष्ठित सोमपुरा परिवार के आशीष सोमपुरा ने तैयार किया है।
- यह 30 साल पुरानी अवधारणा है, जिसकी ऊंचाई 161 फीट है और जो 28,000 वर्ग फीट में फैली है।
2. 2587 क्षेत्रों से पवित्र फाउंडेशन
- झांसी, बिठूरी और स्वर्ण मंदिर सहित 2587 क्षेत्रों की मिट्टी का आध्यात्मिक महत्व।
- मंदिर की नींव में विविध पवित्र तत्वों को शामिल करना।
3. सोमपुरा फैमिली आर्किटेक्ट्स की विरासत
- मंदिर वास्तुकला में सोमपुरा परिवार की वैश्विक विरासत, 100 से अधिक मंदिरों का निर्माण।
- इसका नेतृत्व मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके बेटे आशीष और निखिल ने किया।
4. लोहा या स्टील के बिना पारंपरिक निर्माण
- संपूर्ण निर्माण में लोहे या स्टील का उपयोग न करते हुए अपरंपरागत विकल्प।
- पारंपरिक शिल्प कौशल और निर्माण तकनीकों का प्रदर्शन।
5. बढ़ी हुई मजबूती के लिए 'श्री राम' ईंटें
- प्राचीन प्रथा के अनुसार ईंटों पर पवित्र शिलालेख 'श्री राम'।
- राम सेतु के निर्माण की तरह बढ़ी हुई मजबूती और स्थायित्व का वादा।
6. थाई मिट्टी के साथ अंतर्राष्ट्रीय प्रतीकवाद
- अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक सौहार्द के प्रतीक के रूप में थाईलैंड से मिट्टी भेजी गई।
- भौगोलिक सीमाओं से परे भगवान राम की सार्वभौमिक विरासत पर प्रकाश डालना।
7. मंदिर की बहुमुखी विशेषताएं
- मंदिर के आयामों का विस्तृत अन्वेषण 360 फीट लंबाई, 235 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई।
- तीन मंजिलें और 12 द्वार, प्रत्येक का अपना विशिष्ट उद्देश्य और महत्व है।
8. पवित्र नदियों का अभिषेक में योगदान
- 5 अगस्त को भारत भर की 150 नदियों से पवित्र जल एकत्रित कर अभिषेक समारोह आयोजित किया जाएगा।
- यह राष्ट्र की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता के साथ पवित्र संबंध का प्रतीक है।
9. टाइम कैप्सूल के साथ पहचान को सुरक्षित रखना
- मंदिर से 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल दबा हुआ है।
- तांबे की प्लेट पर भविष्य की पीढ़ियों के लिए मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के बारे में प्रासंगिक जानकारी अंकित की गई है।
10. नागर शैली वास्तुकला और स्तंभ लालित्य
- नागर शैली में 360 स्तंभों का समावेश।
- दृश्य आकर्षण और स्थापत्य कला की उत्कृष्टता, परंपरा और भव्यता का सम्मिश्रण।
जय श्री राम!